Talk of the Evening Eve of Diwali

(भारत)

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Diwali Celebrations Date 10th November 2007: Noida Place Type Puja

[Original transcript Hindi talk]

हॅप्पी दिवाली ! आप सबको दिवाली मुबारक हो। ये तरह तरह के नृत्य को आपने देखा; इससे एक बात समझलो, कि ये जो भी थे जिन्होने ये लिखा, कहा, सब एक ही बात कह रहे हैं और सबसे बड़ी बात कौनसी कही कि परमात्मा एक है । उन्होनें अलग अलग अवतार लिए पर परमात्मा एक है । उनमें आपस में कोई झगड़ा नहीं और वो इस संसार में इसलिए आते हैं कि, दुष्टों का नाश करें । खराब लोगों को बर्बाद करे। और हो रहा है हर जगह । हर जगह मैं देखती हैँ, कि जो दुष्ट लोग हैं, वो सामने आ रहे हैं । और अब आप लोगों का भी यही काम है, कि जो दुष्ट हैं, जो परमात्मा के विरोध में काम करते हैं और पैसा कमाने के लिए कोई भी काम कर सकते हैं, वो सब नर्क में जाएंगे। हमको पता नहीं कितने नर्क हैं। अभी जिस माहौल में आप बैठे हैं, जिस जगह आप बैठे हैं, ये नर्क से परे है । इसका संबंध नर्क से कोई नहीं है। लेकिन आप इसमें रहकर | और अधर्म करें, गलत काम करें तो आप भी नर्क में जा सकते हैं। बहत तरह के न्क हैं और ये नर्क में जाने की 6. व्यवस्था भी बड़ी अच्छी है। क्योंकि वहाँ पर जानेवाले जानते नहीं कि हम कहाँ जा रहे हैं। और जो बच जाते हैं वो स्वर्ग चले जाते हैं। तो इस पृथ्वी तल पे कोई जानता ही नहीं कि हमें नर्क में जाना है। गलत काम करने से हम नर्क में जाएंगे और दिवाली का मतलब यही है, कि जैसे बाहर दिये लगे वैसे आप लोगो में भी दिये लग जाएं। और | आप भी देखो इस अंधेरी दुनिया में तुम लोग दिये हो, दीपक हो और तुम्हें प्रकाश देना है। लेकिन अगर अंदर का ही प्रकाश पूरा नहीं हुआ तो आप कैसे प्रकाश दे सकते हैं? ये भी सोचो । तो पहले आप सहजयोगियों को चाहिए, कि पहले अंदर के प्रकाश को पूरा करें और इसी से शायद हम इस दुनिया में आए हैं। ईसामसीह तक तो इस मामले में कोई बात ही नहीं करता था। आज्ञा (Agnya) चक्र पे वो आए और अपने को पूरी तरह से दिखा दिया कि उनमें कोई भी अहंकार नहीं था। वे परमात्मा के थे पर कोई अहंकार नहीं था । उनसे पहले जो लोग हो गए वो तो थोड़े | पुत्र बताते थे, लेकिन ईसामसीह ने यही चाहा, कि हमारा आज्ञा चक्र ठीक हो जाए। और वो आज्ञा चक्र आपके दिल्ली | में बहुत पकड़ता है । इसका कारण क्या है? पहले अंग्रेज यहाँ रह गए और अंग्रेजो ने हमको घमंड करना सिखाया । आप, लोगों की बातचित से पता कर सकते हैं। हमने वो भी दिन देखे हैं जब अपना देश परतंत्र था लेकिन उस परतंत्र से आप लोग निकल आए हैं । अब स्वतंत्रता हो गई और स्वतंत्रता क्या है? ‘स्व’ को जानना। जिसने स्व को जाना वह स्व के तंत्र को जानता है। सहजयोग से आपने अपने को जाना है और आप जानते हैं कि आप स्वतंत्र हैं और आपको स्व के तंत्र से चलना है। दिल्ली में बहुत काम हुआ है, ये तो दिखाई दे रहा है। दिल्ली से बाहर भी आप लोग जानते हैं, मुझे बताने की कोई जरुरत नहीं है। लेकिन काम हुआ है। यहाँ के लोगों में जो दोष हैं वो अब आप स्वतंत्र हो गए हैं। तो आपको ये देखना चाहिए की हममें तो ये दोष नहीं हैं । पहला तो दोष ये है कि तो ন

आपका आज्ञा चक्र ही पकड़ रहा है। ईसामसीह मर गए, सूली पर चढ़ गए । लेकिन उससे हम लोग सीखे नहीं, उलटे जहाँ इसाई देश हैं उनमें बहुत ही अहंकार है । वो हम लोगों पर भी छाए हुए थे। पर सबसे बड़ी जो यहाँ खराबी है, कि हम अभी एक दुसरे को पहचानते ही नहीं। जहाँ तहाँ झगड़े, जहाँ तहाँ लड़ाई और आपस में शुद्ध मन नहीं, तो पहली चीज़़ है, कि अपने मन को शुद्ध करना है। सहजयोग से सब हो सकता है, कहाँ से कहाँ लोग पहुँच सकते हैं। जरुरी नहीं, कि उसके लिए कोई आप हिमालय जा कर बैठे। इसी दिल्ली शहर में आप कर सकते हैं। पर आप चारों तरफ अगर देखें कि अहंकारी लोग हैं, बहुत ज्यादा उनका आज्ञा चक्र पकड़ा हुआ है। तो बड़ी मुश्किल है। अब एक भगवान ने नई चीज भेजी है ‘कैन्सर’। अगर आपको कैन्सर हो गया है और आपका अगर आज्ञा चक्र ठीक नहीं हुआ, तो वो ठीक हो ही नहीं सकता और बड़ी आफत हो जाएगी। इसलिए जिनको कैन्सर हुआ है उनको तो चाहिए सहजयोग लें और अपने अंदर जो अहंकार है उसे निकालें। क्योंकि जहाँ भी गवर्नमेंट होती है लोगों में अहंकार आ जाता है । हमारे यहाँ इतने गवर्नमेंट सर्वेट्स हैं और उनके अंदर काफी सा अहंकार है। पर उनसे भी ज्यादा जो बाहर से आए हैं वो तो उनके नाना हैं और उपर से सब शराब पीते हैं। आप सोचिए कि इसाई कहलाते हैं और सब शराब पीते हैं । तो शराब पीना तो आप अपने ही खिलाफ जा रहे हैं। आप अपने आज्ञा चक्र को ही मना कर रहे हैं। उसको नहीं मान रहे हैं । जिस आदमी का आज्ञा चक्र हट गया वो शराब नहीं पी सकता, कभी नहीं पी सकता। आप जहाँ तहाँ देखते हैं लोग शराब पीते हैं और उसको निकालने का कोई इलाज भी नहीं है उन लोगों के पास । क्योंकि उसके उपर फिर वो शराब पीते हैं। तो किसी भी तरह की लत जो होती है वो अपने को गुलामी में डाल देती है। कोई सी भी, अभी इधर में पान की लत बहुत, उसमें तंबाकू डालेंगे । बताईए इतने भगवान ने आपको मोहब्बत से पैदा किया है इस देश में कि आप सारी दुनिया से निराले हो जाएं । हो सकते हैं ‘हिंदुस्तानी होते हैं’, लेकिन उनमें दो-चार बिमारियाँ | अभी मैं ज्यादा देखती हूँ। वो ये, कि वो खाने की जगह पैसा खाते हैं। अभी जिस रास्ते से हम आए तो मुझे बड़ा दुख हुआ वो रास्ता पहले नहीं था और अब ऐसा रास्ता बना है कि कोई कह नहीं सकता कि यह नया रास्ता है। सब हिंदुस्तानी ही कर सकते हैं । इतने बेशर्म लोग तो मैंने दुनिया में कहीं देखे ही नहीं जो ऐसे काम करें और कोई जरुरत नहीं है यहाँ बड़े से बड़ा हर समय कोई भी ये काम कर सकता है। तो आज यह निश्चय करना है, कि पहले हम अपने आज्ञा को ठीक करें। आज्ञा में सबसे बड़ी बात ये है, कि हम अपने को सबसे उत्तम समझते हैं और हम सोचते हैं कि दुनिया भर में हम चला सकते हैं, दुनिया को हम ठीक लोग देखे होंगे, जो कर सकते हैं। जब आप ही ठीक नहीं तो दुनिया कैसे ठीक होगी? देखिए ऐसे आपने बहुत अपने को बहुत ऊँचा समझ के और बहुत गलत काम करते हैं। इस देश में तो लोग पैसा खाते हैं बताइए कि भगवान कैसे माफ करेगा हमको ? सबसे बड़ा गुनाह तो ये है, कि चोरी करना और पैसा खाना। जो इस तरह के गुनाह को करता है उसको कुछ भी करे, वो कुछ भी कोशिश करे, वो पूजा करे, पाठ करे, नमाज पढ़े, अल्लाह को पुकारे उसको कोई फायदा नहीं हो सकता। तो आज आपका नया साल है, आपको मुबारक हो। और मैं चाहती हूँ कि आप लोग आज से ये निश्चय करें, कि हम झूठ नहीं बोलेंगे, कभी भी झूठ नहीं बोलेंगे। हिंदुस्तानी मशहूर हैं दुनिया भर में, मैं गई हूँ कि बड़े ही झूठे हैं। पता नहीं क्यों हमारे देश पे ऐसा ठप्पा लगता है, कि झूठे लोग हैं। यहाँ इतने बड़े

बड़े संत साधू हो गए, जहाँ सूफी जैसे लोग हो गए वहाँ लोग इतना झूठ क्यों बोलते हैं? तो आप आज कसम ले लीजिए, कि हम झूठ नहीं बोलेंगे । चाहे कुछ हो जाए । उसके लिए हिम्मत चाहिए । लेकिन अब आप जब पार हो गए हो तो और हिम्मत क्या चाहिए ? आप झूठ बोल ही नहीं सकते और जब आप ऐसे हो जाएंगे तभी तो लोग आप पर विश्वास करेंगे , कि ये लोग सच्चे ैं । तो सहजयोगी को सच्चा होना है । कुछ में भी बिजनेस हो, कोई भी हो, इंजिनियर हो, सडकें बना रहे हो, डॉक्टर हो, सबका इलाज कर रहे हैं, ये सब होते हुए भी आपके लिए नर्क है। अगर आप झूठ बोलें तो अब क्योंकि आपने अपना हलिया बदल लिया है। अब आप पार हैं। सो पार लोग, अगर कोई झुठ बोलें तो उनको कोई भी फायदा नहीं हो सकता । बाहर मैं अपने देश के बारें में सुनती हूँ, तो बड़ा दुख होता है कि, ‘यहाँ के लोग बडे धोकेबाज हैं, बड़े झूठे हैं, पैसा बनाते हैं।’ आज आपका अच्छा शुभ दिन है। आज सब निश्चय कर लो, कि हम कभी भी झूठ नहीं बोलेंगे, चाहे कुछ हो जाए । हम खुद एक औरत हैं, वो भी हिंदुस्तान की । हमने कभी झूठ नहीं बोला। झूठ बोलने से आप ही का नुकसान होगा। झूठे काम करने से आप ही का नुकसान होगा। इस तरह से आप पैसा ज्यादा कमा ले या और भी ढोंग कर लें लेकिन, इसके बाद आप स्वर्ग में नहीं जा सकते, नर्क में जाएंगे। ये बहुत जरुरी है जान लेना है, कि हमारे बारे में सब देशों में इतनी बदनामी है । ये बदनामी क्यों है, क्योंकि हमारे यहाँ ऐसे लोग हैं । आपको अगर पता हो जाए, कि कोई झूठा है, तो आप उसके लिए एक संस्था बनाइए और उनसे पूछिए कि साहब इसका मतलब क्या है ? जैसे एक सड़क है। वो अगर ठीक ही नहीं बनी है तो पता करिए, कि कितना पैसा खर्च हुआ और उनको देखिए, कि वो क्या कर रहे हैं? ऐसे पैसे खा के शराब ही तो पिएंगे और शराब हमारी दुश्मन है । किसलिए चाहिए ? आप लोगों की तो हालत बहुत अच्छी है और बहुत देश में गरीब लोग हैं लेकिन मैंने देखा है, कि बड़े इमानदार हैं, तो इमानदारी पहली चीज है । आज निश्चय होना चाहिए, कि अब बेइमानी नहीं करेंगे और हम माँ, पुलिस में बेईमानों के साथ नहीं रहेंगे और किसी ने अगर किया तो हम बता देंगे। अब ये है कि लोग कहेंगे, ” भी ऐसे हैं, उस में भी वैसे हैं।” लेकिन आप सहजयोगी हैं । जो सहजयोगी हैं वो किसी पुलीस वाले से या किसी भी बड़े आदमी से कम नहीं । बहुत उनमें शक्ति है। पर सारी शक्ति सच्चाई की है। सच्चाई होनी चाहिए और मुझे बड़ी खुशी है, कि बहुत से सहजयोगी बहुत सच्चे हैं, बहुत सच्चे हैं। लेकिन अभी अपने को और भी सहजयोगी चाहिए, कि जो सच्चे हो जाएं । सच्चाई बहुत जरुरी चीज है। नहीं तो आपका आज्ञा छूट ही नहीं सकता। आज्ञा होता है, उसमें एक चीज है कि ‘अहंकार’। जब आदमी में अहंकार आ जाता है, तो कोई सी भी गलती करता है, बुराई करता है, किसी का नुकसान करता है, पैसा खाता है। वो सब नर्क में जाएंगे। मैं आपको बता देना चाहती हूँ, कि आपको पैसा नहीं खाना चाहिए । कोई आप मर नहीं रहे हैं । क्या किया पैसा ज्यादा कमा के, क्या कर रहे हैं? दो चार लाईट्स लगा लिए होंगे और कोई दो चार औरतें रख ली होंगी और क्या है ? लेकिन अब जब नर्क में जाएंगे तो आपका क्या हाल होने वाला है। ” दिवाली के दिन में ये बात इसलिए कह रही हैं, दिवाली इसलिए मनाई गई थी, कि जब सीताजी वापस राम के पास आ गई।” जब हमारे पास चरित्र आ जाएगा तो फिर हम गुलाम नहीं रह सकते । हम अपने ही गुलाम हैं, दुसरे के थोड़ी। किसी भी बात के लिए झूठ नहीं बोलना है । हम दिल्ली बहुत रह चुके हैं और हम तो हैरान थे, कि लोग कितना झूठ बोलते हैं,

यहाँ, बाप रे बाप ! उनको कोई डर ही नहीं ! साफ साफ झूठ बोलना और उससे लाभ पता नहीं उनको यहाँ हो जाए शायद! कुछ रुपया पैसा ज्यादा कमा लें लेकिन वो स्वर्ग में नहीं जा सकते। मैं चाहती हूँ, सहजयोगी आज से कसम ले लें, ‘न तो हम झूठ बोलेंगे और न तो हम झूठों की मदद करेंगे।’ अपने देश के बारे में लोग ये कहते हैं कि बड़े बेईमान हैं। हाँ, सब जगह। मैं तो बहुत दूर घूमी हूँ । सब में मैंने देखा, कि रशिया के लोग हैं। बहुत बढ़िया! वो आधे सहजयोगी तो हैं ही और बहुत सहजयोगी हैं। मैं रशिया इस साल जा भी नहीं पाई । अगले साल जाऊँगी जरुर ही। पर इसका ये मतलब है, कि हम डेमॉक्रेसी नहीं पाल सके। हमें भी कम्युनिस्ट होना चाहिए । वहाँ कोई चोरी चकारी नहीं, झूठ बोलना नहीं और सब बहुत प्यार करते हैं । मेरा भी बहुत मान है । लेकिन समझने की बात यह है कि हम कहाँ जा रहे हैं? दो-चार पैसे कमाने के लिए हम जा कहाँ रहे हैं? हमें क्या मिलने वाला है ? सो पहले तो इमानदारी अपने साथ होनी चाहिए । तुम्हारे बेईमानी से तुम्हारे ही लोगों को तकलीफ होगी । हिंदुस्तान को लोग कहते हैं, कि यहाँ के लोग बड़े बेईमान हैं। शर्म आती है सुन कर के । तुम्हारे यहाँ इतने बड़े बड़े संत हो गए, इतने इतने महान पुरुष हो गए और यहाँ पर लोग बड़े चोर हैं और बहुत चोरी करते हैं और बुराई करते हैं, तो इससे पहले ही तो आपका आज्ञा डर गया । बड़े बड़े रईस बन जाएंगे । देखिए, अंत में रईस साहब चले जा रहे हैं नरक में । मैं आज बताना चाहती हूँ, कि दिवाली का मतलब ये है, कि नर्क अंधेरा है और तुम प्रकाश हो | गए हो । तुमको चाहिए कि जहाँ भी अंधेरा हो वहाँ लड़ो और ये बताओ, कि ये गलत बात है। इससे हमारा देश सुधरेगा। तुमको ये भी काम एक करना है। पूजा-पाठ हम कर ही रहे है । लेकिन जो हमारे अंदर शक्ति है, वो ये है कि हम जो भी असत्य है उसके विरोध में हैं । बहुत से लोंगों को पता नहीं पैसा कमाने की बिमारी है । सीधे वो नर्क में जाएंगे। मैं आपसे इसलिए बता रही हैँ, कि किसी ने ऐसा बताया ही नहीं ! दिवाली के दिन मैं बता रही हूँ, कि हम खुशियाँ मनाएंगे और दिये जलाएंगे, अपने हृदय में । उस में, उस दिये में हमें दिखाई देगा कि कौन कैसे हैं, चोरी करते है। अब तो एक दुसरे की लड़ाई मैं देखती हूँ । हिंदु-मुसलमानों की तो लड़ाई खतम हो गई और दुसरे लोगों की लड़ाई शुरु हो गई। यानी दुसरी बात है । हम लड़ते भी बहुत हैं । कम से कम दूसरे देशों में इतने धर्म नहीं है। तो अपने यहाँ तो कोई भी मौका मिल जाए तो लड़ाई करो । लड़ाई पहले । मियाँ-बीवी में झगड़ा, फिर उनके बच्चों में झगड़ा । फिर आपस में कोई हो तो उससे झगड़ा। सहजयोग क्या है? सहजयोग प्रेम है। प्रेम । अपने अंदर जो प्रेम की शक्ति है उसको जगाओ । आज का बड़ा शुभदिन है और हमें दिये जलाने हैं अपने हृदय में और ये निश्चय कर लेना है, कि हम मर भी जाएंगे तो भी हम झूठ नहीं बोलेंगे अपने यहाँ ऐसे लोग हो गए हैं । लेकिन इतना नाम बदनाम है दुनिया में कि हिंदुस्तानी बेईमान होते हैं। भाई, मैंने तो कोई देखे नहीं है। पर सुनते हैं तो बड़ा दुःख लगता है। हिंदुस्तान जैसे पवित्र स्थान जहाँ इतने बड़े संत जन्म लिए और तो कही नहीं । सूफी हैं, यहीं पैदा | हुए, सब जो महान लोग हो गए, सब हिंदुस्तान में हुए। किसी भी देश में इतने महान लोग हुए नहीं हैं। एकाध-दो हुए होंगे, पर हमारे यहाँ तो बड़े महान लोग हो गए और उसके बाद उन्होंने जो भी सिखाया, वो तो छोड़ दिये। नम्बरी हम लोग चोर हो गए। जो भी चोरी करते है वे कभी भी स्वर्ग में नहीं जा सकते और यहाँ की जिंदगी जितनी है उससे हजार गुना ज्यादा जिन्दगी आप को नर्क में मिलेगी । आज के दिन में इसलिए नर्क की बात कर रही हूँ कि नर्क माने जो अँधेरा है वो नर्क हम देखते हैं । अब आपके दिए जल गए। उससे आप देखो की कौन कौन नर्क है ।

आप गवर्नमेंट को मदद करो। मदद करो कि कौन बेईमान है । आप छोटी पोजिशन में हो चाहे बड़ी पोजिशन में हो। आपको बता देना चाहिए कि कौन चोर है । चोरों को पकड़ो । झूठ बोलने वालों को पकड़ो। अब तुम्हारे पास शक्ति आयी है | वो किस चीज के लिए? तुम जाग गए हो, किस चीज के लिए तुम्हारे प्रकाश हो गए । उस | प्रकाश में आप अपने को देखो। अंधेरे में तो कुछ नहीं दिखा। पर अपने प्रकाश में देखो कि आप क्या हो ? और | झूठ बोलने से आपको क्या प्राप्त होगा ? हम एक गृहस्थी हैं । हम कभी झूठ नहीं बोलते। कभी भी नहीं और बोल ही नहीं सकते। जैसे ही आपको झूठ बोलना पड़े आपके पास शक्ति है। आप सब दीप हैं। आप देख लीजिए इस अंधेरे में । आप दीप हैं और दीप को जलना है । इस अंधेरे को हमें मिटाना है। हम सब दूर तक बदनाम हैं। अरे, हमारे देश जैसे तो लोग कही हैं ही नहीं और बड़ा दुःख लगता है सुन के, कि लोग हमें कितना गलत समझे हैं और बेईमानी कर के भी क्या पाते हैं, पता नहीं और जो पाना है, वो तो भयंकर है । कोई भी नहीं छूटेगा । जो भी बेईमान हो गए सब पकड़े जाएंगे। उसकी व्यवस्था है, आप पार हो गए क्योंकि आप बेईमान नहीं है। आप सत्य को प्यार | करते हैं और सत्य की इज्जत करते हैं । मै चाहती हूँ कि आप सत्य पे खड़े हों । अब जैसे जमुनाजी में लोग कचरा फेकते हैं माने बेवकूफ हैं। जमुनाजी तो सीधे नरक में उतरती हैं, लेकिन उस नरक से आप बच जाओगे । आप पार हैं। जिसके पास दिया होता है वो गिरता तो नहीं । लेकिन अगर आपको वाकई में सहजयोग को अपने अंदर पूरी तरह समाना है, तो पहले तय कर लो , कि हम बेइमानी नहीं करेंगे, किसी भी तरह । पैसा कमाना ही इस दुनिया में धंदा रह गया है। उससे क्या होता है ? कोई उनको याद भी नहीं करता । अगर आप अपने देश से प्यार करते हैं तो पहले आप सच्चाई रखो। नहीं तो झूठे आदमी के प्यार का क्या विश्वास ? ये आपकी एक बड़ी मुश्किल है। क्योंकि आप देखते हैं हमारा पड़ोसी ऐसा तो हम भी वैसे हो जाए, पर ऐसा क्यों नहीं सोचते, कि हम ऐसे है, तो उस पडोसी को क्यों नहीं हम अपने जैसे बनाएँ? पहले तो आज कसम खा लो, कि हम कोई बेईमानी नहीं करेंगे और हम बेईमानों का साथ नहीं देंगे। झूठापन अपने देश पे पता नहीं शाप है। बहुत से लोग हैं सुबह से शाम तक दस झूठ बोलेंगे मगर उनका पेट ही नहीं भरता। अब तो आप की गरीबी हट गई । काफी ठीक है, खाना पीना सब है| कोई आप लोग भिखारी नहीं हैं। फिर झूठ क्यों बोलते हो? आज के दिन का निश्चय कर लो, कि हम झूठ नहीं बोलेंगे और कोई अगर कोई झूठा होगा तो हम उसके साथ नहीं चलेंगे। हमारा उससे कोई संबंध नहीं होगा। इसमें बड़ा सुख, बहुत आनंद है । इससे आपको पता है, कि झूठे आदमी नरक में जाएंगे और आप भी उसके पीछे पीछे जाएंगे। आपको भगवान ने जागृत किया है । आपके अंदर | प्रकाश है। उस प्रकाश में देखो। अगर तुम जैसे लोग यह तय कर ले, कि हम झूठ नहीं बोलेगे, चाहे कुछ हो जाए, चाहे हमारी गर्दन कट जाए । इस मामले में हिंदुस्तानी बहुत अच्छे हैं। मैं जानती हूँ, लेकिन जब मैं बाहर सुनती हूँ तो बड़ा दुःख होता है। अब जैसे ये रास्ता बनाया है, ये कोई रास्ता है? ये तो मुझे लग रहा था कहीं जंगल में जा रहे हैं । जो ऐसा कुछ दिखाई दे, तो तुम्हारा ऑर्गनाइजेशन है। तुम सब मिल कर के ये पूछो, कि ऐसा रास्ता किसने बनाया? क्यों बनाया? किसने पैसे खाए? आप सारे सहजयोगियों को एक हो जाना चाहिए और उस तरफ आप कोशिश करें, कि ये अपने भारतवर्ष में जो भूत घुसा हुआ है उसको निकालें । कहीं भी जाओ तो लोग कहते | हैं, “भैय्या, हिंदुस्तानियों पर विश्वास मत करो!” कितनी शरम की बात है ! जिस पे सब से ज्यादा विश्वास करना

चाहिए वो तो हम हिंदुस्तानी है। लेकिन हमारे यहाँ बड़े बड़े लीडर हो गए, बड़े बड़े सब महान लोग और महान आत्मा और हम उनको नहीं देखते कि उनका कितना नाम है। उनको लोग कितना मानते हैं। आपको भी मानते हैं, मैं जानती हूँ पर आप चोरों के साथ मत खड़े हो । अगर आपको पता हुआ, कि ये आदमी चोर है तो उसके घर खाना खाने नहीं जाओ । चोरों को बड़ी मुश्किल हो जाएगी । मैं आपसे बताती हूँ कि आप सब भगवान के पुलिस वाले हैं और जितने भी चोर आपको मिलें उनका पता रखो । आपके बच्चे, उन में भी हिम्मत भरो । अगर कोई गलत काम करते हैं और झूठ बोलते हैं, तो आप उसका पता करो। अपना ये देश, बहुत सारे संतो के साथ जागृत हुआ है और आप सब संत हैं। आपको कोई जरुरी नहीं, कि आप झूठ बोलें। अरे एक बार खाना न मिला तो क्या? खाना नहीं खाने से कोई मरता नहीं। हम लोगों को खाना – पीना मिलता है। पर उस पर शराब लेते हैं। शराब लेने | से तो दूसरे एक कदम हम चलते हैं । जिससे हम नष्ट हो जाएंगे । शराबी होने से हम कुछ ठीक नहीं हो सकते । अब जैसे अमेरिका है, वो एक एक नई बात निकालते हैं, कि सोलह साल का बच्चा हो जाए तो अपना कमाना है, मतलब ये कि सब नौकर हैं। जब वो कुछ काम करते हैं, गाड़ी धोते हैं, तो उनको पैसा देते हैं। और सोलह साल में क्या कहते हैं, “कि साहब, अब तो हम सोलह साल के हो गए। अब जाईए बाहर ।” मैंने ये देखा है हर जगह, यह गरीब सोलह साल के बच्चे। हम लोग तो यह सोचते हैं, कि वह सोलह साल का हो रहा है तो कहाँ जाएगा ? क्या पढ़ेगा? वो तो सोलह साल का हो गया ना ! उसको घर से निकाल देते हैं माँ भी और बाप भी । यह अमेरीकन्स का कितने दिन चलने वाला है, देख लिजिए आप| नष्ट हो रहे हैं । एक दो एरोप्लेन लेने से कोई बड़ा नहीं होता। आप कहाँ हैं ? आपकी कौनसी औकात है ? हिंदुस्तान ऐसा देश है कि सारी दुनिया को बचा सकता है, सारी दुनिया को । लेकिन उसमें सच्चाई आनी चाहिए । सच्चाई आना बहत जरुरी है। हर मामले में सच्चाई। कोई झूठापना करने की जरुरत क्या है? मेरी समझ में नहीं आता ! ज्यादा जितने अमीर लोग हैं, उनको तो पहले समझ लेना चाहिए, कि आप अमीर हैं। अब चुप बैठिए और कमाने की मत सोचो। ज्यादा पैसा मिलने से कौन आदमी खुश है? ये मैंने तो आज तक देखा नहीं । आप सहजयोगी हैं! आपके अंदर प्रकाश है । प्रकाश में आप अपना रास्ता देखते हैं और रास्ता सत्य का है। चाहे आप मुसलमान हों, चाहे हिंदु हों, चाहे इसाई हों। कुछ फर्क नहीं पडता, आप सब इन्सान हैं और अगर इन्सान में इमानदारी नहीं तो वो बेईमान है। उसको कोई नहीं जानेगा । इसके बाद भी तो हमारी जिंदगी है, वो कैसी होगी । इमानदारी से अनेक लाभ हैं । सबसे तो बड़ा ये, कि परमेश्वर का आप पे आशीर्वाद होता है । ऐसा आशीर्वाद होता है कि बैठे बिठाए आप हैरान हो जाएंगे। बैठे | बिठाए आपका सब ठीक हो जाता है । लेकिन अब हिंदुस्तान में लोग कैसे भी हों, नहीं भी हों, सब पैसे के पीछे भागते हैं। और तो भी गरीब लोग बहुत हैं इसलिए आज के दिन उनकी भी दिवाली होनी चाहिए । उनको भी खुश | होना चाहिए । हम उसी देश के रहने वाले हैं । पर हम तो अपने ही को धोका देते हैं। बड़े होशियार हैं | इससे हमारे अंदर अहंकार आ जाता है और जब अहंकार आ गया तो फिर किसी भी तरह से कोई नहीं बचा सकता। अहंकार में आपको तो कैन्सर हो जाएगा। तो आप बचा नहीं सकते अपने को । अगर आपके अंदर कैन्सर है तो आप बचा नहीं सकते। मैं नहीं बचा सकती। सच बात बता रही हूं। आपका पहले अहंकार जो है, उसको आग में जला दीजिए और अहंकार है तो शर्म कीजिए । किस चीज का अहंकार है साहब ? अपने देश में तो हर बात का, किसी

कुछ किया तो डबल अहंकार । किसी ने ने बी.ए. पास कर दिया, तो उसको अहंकार हो गया। और उससे आगे वो कुछ प्राप्त किया, इंजिनियर हो गया, डॉक्टर हो गया तो उसको अहंकार । सो ये आज्ञा चक्र जो पकड़ जाता है, सीधे आपको कहाँ ले जाएगा? नर्क में और नर्क बड़ी भयंकर जगह है । आपके पास भगवान ने बुद्धी दी और अब आप पार हो गए हैं। उसके बाद भी अगर आप नर्क में जाना चाहें तो जाइए। आज तक किसी ने बात नहीं करी, कहा नहीं । आज का दिन जो है इसलिए शुभ है, कि बहुत अच्छे काम हुए । सीताजी लौट आई । रामचंद्रजी के जमाने में, कृष्ण के जमाने में और जो बड़े बड़े काम हुए सब पार लोगों से हुए हैं। इसलिए पहली चीज़़ आप निश्चय कर लीजिए आज, कि हम कोई भी बेईमानी तो करेंगे ही नहीं , लेकिन कोई अगर करेगा तो हम उसको पकड़वा देंगे । पर मैं देखती हूँ इस देश में काले का गोरे से झगड़ा है, कोई किसी से झगड़ा । चाहते हैं कि भारत वर्ष को अलग अलग कर दे। उससे कोई फायदा नहीं होने वाला । फायदा काहे से होगा! जब आप इमानदार रहो और तुम्हारा चरित्र अच्छा हो। अंग्रेजों से जो भी सीखा है, उनसे सीखने लायक कोई चीज नहीं । वो तो सब बुरी हालत में हैं आज कल, लेकिन हमें अपने देश को बचाना है और सारी दुनिया को बचाना है । बड़ी जिम्मेदारी है। आपको पार कर दिया , आप में प्रकाश आ गया तो भी आप गड्ढे में जाना चाहें तो कौन क्या करेगा ? सबको मिल कर के | कोशिश करनी चाहिए । मैं तो चाहती हूँ, कि सहजयोंगियो की एक कमिटी बनाऐं, कि वहाँ आपको कहीं भी चोरी पता चली तो कमिटी को बताओ और कमिटी क्या करती है देखें । इसी तरह से आपका नाम होगा, इसी तरह से आप बड़ी पोजिशन में जाएंगे। तो पहली तो चीज है, न ही आप बेईमान बनें और न किसी को बनने दें। ये बहुत जरुरी है। आपके देश पर लगा कलंक । तेल में मिलावट है, तो घी में मिलावट है । जहाँ देखो वहाँ सब लोग हँसते है हम पर । कोई विश्वास ही नहीं करता, हालांकि सबसे बढ़िया लोग हिंदुस्तान में है। इतने लोग कहीं पार ही नहीं हुए इन्होंने कोई पुण्य नहीं कमाया। तो पैसा कमाने से अच्छा है, पुण्य कमाओ। जो बहुत गरीब लोग हैं उनको देखो । | तो आज का दिन बड़ा शुभ है और आनंद का दिन है। किसलिए आनंद? कि इस रोज हमें स्वर्ग मिला और हम स्वर्ग में ही रहना चाहते हैं । पर स्वर्ग में डरपोक लोग नहीं जा सकते । डरने की कोई जरुरत नहीं है । अरे, दो पैसे अगर कम मिले या ज्यादा मिले तो इतनी कौनसी आफत आने वाली है ? सब लोग रईस हो गए। मैं देखती हूँ न, मैं यहाँ सतरह-अठारह साल से आ रही हूँ । पहले से आप सब लोग रईस हो गए । पहले से अब हालत ठीक हो गई है। पर सुबह से शाम बेईमानी, बेईमानी, बेईमानी । तो रास्ता बना हुआ है। बस, आज कसम खा लो, कि हम कोई बेईमानी नहीं करेंगे और अगर कोई करेगा तो हम सब मिल कर के उसको अपोज करेंगे । सहजयोग आपको क्यों दिया ? पार क्यों कराया? इसलिए कि आप प्रकाश डालें । आप ही के अंदर प्रकाश नहीं होगा तो बाहर क्या प्रकाश डालेंगे और प्रकाश डाल के देखें, कि हम बेईमानों को मदद कर रहें हैं। कुछ नहीं होता अगर दो पैसा आप कम कमायें या ज्यादा कमायें । अगर आप इमानदार हैं तो आपको भगवान मदद करते हैं। अपने देश में लोग इतने क्यों मरते हैं? और कहीं नहीं मरते । उसका कारण है, कि नर्क में जाना है न । तो ये जान लीजिए कि आप अगर | बेइमानी करेंगे, तो पहला कदम तो आपका नर्क में होगा और दूसरी बात, झूठ बोलने की कोई जरुरत ही नहीं है। आप सच बोलिए। जो आदमी सच बोलेगा वो एक अनोखा । वो अगर सहजयोग करे तो भव्य होगा । जैसे आज.

आप सूफी को याद कर रहे हैं, तब लोग आपको याद करेंगे। काम कुछ करना नहीं है, सिर्फ बेइमान जो हैं उनको पकड़ो। जरुरी है। यहाँ लोग झगडा कर रहे हैं, कि जमुनाजी में कचरा मत फेको । ये नहीं फेको । अब ये भी बताना पड़ता है । मैं इतने देशों में घूमी हूँ, कहीं भी कोई नदी में कचरा नहीं फेकता । तो इतने आलसी क्यों हो? यहाँ इंतजाम कितना है, कि कचरा आप म्युन्सीपाल्टी को दे दीजिए । कहीं पर दीजिए । पर आप खुद ही कचरा करें, तो फिर आप क्या करेंगे। सब लोग सोचो मन में और निश्चय करो आज । बड़ा अच्छा दिन है आज का । बड़ा अच्छा दिन है, कि हम न तो बेईमानी करेंगे, ना ही हम बेईमानों को मानेंगे। हमने ऐसे लोग देखे हैं, कि जो खुद बेईमान नहीं थे और बेईमानों के घर जाते नहीं थे। उनसे कोई मतलब नहीं रखते थे । क्योंकि वो अपना तो हित करते ही हैं पर सारे देश का हित करते हैं । तो आप सहजयोगी हैं। आपको चाहिए, कि आप कसमें खा लो के हम कोई | बेईमानी कभी करेंगे नहीं । आप सिर्फ पहचान लीजिए, कि कौन बेईमान है और सिर्फ आप अपने अंतरात्मा से कहिए कि बेईमान है। और सहजयोगी, अगर बारह सहजयोगी भी मिल जाएँ और सब मिल कर जान ले कि ये आदमी बेईमान है, तो परमात्मा तुम्हारे साथ है। थोड़े रईसों से ये देश का भला नहीं हो सकता । लेकिन इमानदारों से होगा । तो सबसे बड़ी चीज, हमारे ऊपर कलंक ये है कि बेईमान हैं और जो सहजयोगी है वो तो बेईमान हो ही नहीं सकता। ये तो मेरा विश्वास है| हम सब को एक होना चाहिए। सब झगड़े छोड़ दीजिए और ये कि हम इमानदार लोग हैं । हिंदुस्तान का नाम बहुत बदनाम है, इसलिए आज से वचन लो , कि हम कोई बेईमानी नहीं करेंगे और दुसरे बेईमान अगर हो तो हम सब मिल कर उसका पीछा करेंगे। दूसरे दिन उसकी नींद भाग जाएगी। पर बहुत बढ़ गई है, हम तो आपसे कह रहे हैं, कि हम तो हैरान हैं, हर चीज में बेईमानी, हर चीज में बेईमानी । पहले ये छोटी छोटी बात में आउटकास्ट बनाते थे । और छोटी छोटी चीजों में अपने को अलग करते थे। लेकिन हमारा देश इतना इमानदार रहा । ऐसे ऐसे गुण थे, वो हम क्यों भूल गए ? कहाँ चले गए ? हर जगह मैं देखती हूँ, कि बेईमानी । हर कदम पे बेईमानी है । हमारे यहाँ बच्चों को सिखाओ, कि तुम बेईमान मत बनो । अगर हाँ, मर रहे हैं, भूखे मर रहे हैं तो उसका इंतजाम हो सकता है, पर अगर इमानदार हैं तो और अगर इमानदारी नहीं है, तो परमात्मा तो क्या, आपको कोई मदद नहीं करेगा । दुनियाभर की | बिमारियां लग जाएंगी। ऐसे हमारे देश के बहुत ट्रेडिशन अच्छे हैं। बहुत शराब पिएंगे, दारु पिएंगे। बताइए, यहाँ क्या आप बेवकूफ बनने के लिए आए हैं? और जो करते हैं उनसे दोस्ती छोड़ो। उनको मदद मत करो । मैंने यह देखा है कि कोई आदमी शराब पीता है, तो लोग उसके यहाँ आते हैं और वो भी शराब पीते हैं । लेकिन आपको अगर पता हुआ, कि यह आदमी ऐसा है, ये पता हुआ कि यह आदमी बेईमान है, तो आप उसके घर खाना छोड़ दो। उससे कोई मतलब नहीं है। अपने देश का हमें भला करना है, क्योंकि भगवान ने हमें लाइट दे दी। उस लाइट | में देखो। उसकी शक्ति बहुत जबरदस्त है । तुम अगर यही सोच लो, कि जिसने बेईमानी की है देश से , उसको भगवान देखेगा । बस बहुत है ! लेकिन आप बहरे हो जाते हैं, आपको समझ ही में नहीं आता । ऐसा आदमी कभी कुछ अच्छा नहीं कर सकता, न कभी दे सकता है । पता नहीं कैसे वो बेशरम जीते हैं? यह मुझे पता नहीं, पर जीते हैं । और इसीलिए आज का एक संदेश आपको है, कि आज ये व्रत ले लो कि हम कभी भी कोई बेईमानी नहीं करेंगे और अगर कोई बेईमान होगा तो उसकी हम मदद नहीं करेंगे । काफी है। अपने देश में और भी रियलाइज्ड | सोल्स आएंगे। पर ऐसे बेईमान देश में कौन आने चला ! तो आज का एक ही संदेश है कि आपके पास प्रकाश

है और उस प्रकाश में आप चलो और वो तुमको शक्ति देगा । जो भी करना चाहो कर सकते हो । देखिए हमने अपनी स्वतंत्रता को पाया है। स्व तंत्र, स्व को जानो ना ! अब मैं चाहती हूँ, कि बहुत से बच्चे पैदा हों, पार हो, इसलिए पहले सीख लो। आज का बड़ा दिन है । आज व्रत ले लो कि हम ना तो बेईमानी करेंगे और ना ही बेईमानो के साथ होंगे। ना उनसे डरेंगे। उनके साथ भगवान तो है नहीं। भगवान आपके साथ है। अगर आप अच्छे हैं तो भगवान आपके साथ है। सारे लोगों ने तो इसी भारत भूमी में जन्म लिया था इसलिए तो नहीं कि आपस में लड़ो मरो, महा मूर्ख । हम लोग लड़ते हैं, मरते हैं । कुछ लड़ने से फायदा नहीं, लोगों को बताओ। अरे भाई क्यों लड़ते हो ? तुमको क्या चाहिए? क्यों ? आखिर क्या चाहिए तुमको? खाने को अच्छा है, पीने को अच्छा है। बस और क्या चाहिए ? पर आज कल तो ये है, कि भाई हमें ये कपड़े चाहिए, हमें ऐसा घर चाहिए और ये नहीं, उसी के साथ कि हम जाएंगे नक्क । उस वक्त में वो जो सूफी हो गए वैसे आप सब सूफी ही हैं, क्योंकि आपकी सफाई हो गई । अब सब लोग कविता लिखो, इमानदारी की । ये बेईमानी तो जानी चाहिए, पहली चीज और दूसरी बहुत सी बातें हैं जो ठीक होनी चाहिए । लेकिन सबसे पहले तो बेईमानी मत करो। कोई भारत वर्ष में इतना गरीब नहीं, कि उसको बेईमानी करनी पड़े। हम यह कह रहे हैं, कि | हमारे देश पे जो कलंक है उसको मिटाना चाहिए और आप सहजयोगी हैं, आप कर सकते हैं । आपके पास प्रकाश है । प्रकाश से आप सब जगह लाइट फैला सकते हैं और सबको हिम्मत दें कि ठीक है । खास कर आप लोगों में जो यंग लोग हैं, दोस्त हैं, वो यह सोचो, कि क्या क्या इमानदारी का काम आप कर सकते हैं । अब लग गए कि यमुनाजी में यह मत फेको । ठीक है, लेकिन वो इतनी जरुरी चीज नहीं है । जरुरी चीज है एक अपने इमान को खोना। और इसीलिए आज का दिन बड़ा शुभ माना जाता है हर जगह । जगह – जगह में लाईट लगाई जाती है। सब कुछ होता है और अगर ये हम नहीं कर सके तो सहजयोग का क्या फायदा ? सबसे ज्यादा सहजयोगी हिंदुस्तान में हैं। सबसे ज्यादा । और उसके बाद रशिया में। अब रशियन लोग बहत ही ज्यादा नम्र हैं। वो चोरी चकारी नहीं करते । पता नहीं क्यों? हमारे यहाँ कम्युनिजम आ जाए तो शायद हम लोग भी वैसे हो जाएं । पर वो कोई बात बड़ी ऊँची नहीं है। जबरदस्ती कोई कुछ करे वो अच्छा नहीं है । हम अपने पे जबरदस्त हो जाएं । तय कर लीजिए, आज यह निश्चय कर लीजिए आज बड़ा अच्छा दिन है, कि ना तो हम बेईमानी करेंगे और ना ही दूसरे को करने देंगे। आपका देश बहुत समृद्ध हो जाएगा। और देश क्या है मैं देख चुकी हूँ सब देश, बेकार लोग हैं । पर हमारे देश में लोगों में अब भी बहुत ज्यादा धर्म है। हमारे यहाँ धर्म खत्म हो चुका, जब बेईमान लोग इतने जबरदस्त हो गए हैं। तो आज एक ही संदेश है कि ‘न तो हम बेईमानी करेंगे और न किसी को करने देंगे ।। लेकिन यहाँ के लोग इस मामले में बहुत टॉलरंट हैं, सहते हैं। सबसे बड़ी यही गलती है। जब आपने प्रकाश पाया है तो आप क्यों डरते हो ? आपको क्या जरुरत है डरने की ? इसलिए मैं आज आपसे बिनती करती हूँ कि हिम्मत से काम लो और अब एक स्वतंत्रता हो गई। स्व का तंत्र आप पाएंगे । आपने पाया है, लेकिन उसका इस्तमाल करो। आज आप इतने लोग यहाँ आए। मैंने इतने कभी नहीं देखे थे दिल्ली में । सो आज सब लोग यही मन में निश्चय कर लें, कि हम लोग किसी बेईमान को मानेंगे ही नहीं और सब राक्षस भी ये इसी के लिए जन्म लेते हैं । क्योंकि हमारे अंदर कुछ है ना ऐसा, कि वो सोचते हैं वो हमें मान लेंगे । हिंदुस्तानियों को कभी नहीं मानना |

चाहिए और फिर जो भी पार हैं उसको तो कभी भी नहीं। अपने देश पे एक बडा लांछन है सब जगह । ये बात सच नहीं है ! हिंदुस्तान में बहुत लोग हैं इमानदार, बहुत । लेकिन ये बात सच नहीं है। पर यह बात मैंने देखी है। झगड़ा करेंगे यह जमीन हमारी, ये जमीन तुम्हारी। अरे जो आपका है वो है ‘स्वराज्य’ स्व का राज्य । स्व का राज्य होगा , तभी होगा जब आप वाकई में स्वतंत्र हो जाएं । किसी से डरने की जरुरत नहीं । किसी को कुछ कहने की जरुरत नहीं। इतने लोगों को देख कर मैं तो हैरान हो गई । मैंने कभी दिल्ली में इतने लोग देखे नहीं थे । सो आप को विनती यही है, कि आज इतने शुभदिन पर निश्चय कर लें कि हम बेईमानी तो करेंगे नहीं, चाहे हम मर जाएं । दस साल में बहुत अपना देश खराब हो गया है। तुम लोग इतने सहजयोगी हो, तुम्हें किसका डर है? डरने की कौन सी बात है? सबके पीछे परमात्मा खड़े हुए हैं। देखिए, सूफियों को पता हुआ, कि परमात्मा हमारे पीछे हैं तो वो सब उन्होंने दुनिया भर की बेकार की चीजें हटा दी । पर सब नहीं कुछ सूफियों ने । तो आपको सबको करना चाहिए । मेरे ख्याल से आज का यही संदेश है, कि अब आप ना तो खुद चोर हों और ना ही चोरों की मदद करो, पर मैं देखती हूँ पेपर में कि और और चीजों के लिए झगड़ा है। जाति-पाति पे झगड़ा है। अरे बाबा, इस देश को तुमको बचाना है कि डुबाना है? बड़ी जिम्मेदारी है आपकी। आप कलयुग में पैदा हुए हैं। इसलिए इस कलयुग को बदलना है और हजारों में आप पार हैं। इतने लोग तो कहीं दुनिया में पार नहीं हुए। इसलिए आपसे फिर मैं बार बार कहँगी, कि तुम सच्चाई पे खड़े रहो, मैं तुम्हारे साथ हूँ । और भगवान भी तुम्हारे साथ है। भगवान भी तुम्हारे साथ है। तो सबसे बिनती है, कि आज अपने अंदर ये ठान लो कि हम कोई चोरी चकारी चलने नहीं देंगे, जहाँ पता होगा वहाँ हम | लड़ेंगे। पर मेरे खयाल से लोग क्या शराब पी गए कि क्या है इस प्रकाश में आपने क्या पाया ? हिम्मत और हिम्मत से लड़ो। जो गलत चीज है इस देश की वो हटानी है। बहत बदनाम है और भी बहत बातें है पर सबसे बड़ी बात | यही है कि पहले तो इमानदारी ही नहीं तो तुमको भगवान कैसे मदद करेगा? पैसे पाना कोई भगवान की मदद नहीं है। धर्म को पाना और तुमने पाया है। इतने लोग तो कोई सहजयोगी है ही नहीं दुनिया में और सहजयोगी ऐसा काम करते भी नहीं है। पर में इसलिए बता रही हूँ कि यहाँ का ऍटमॉसफियर खराब है। और हम लोग इतने बदनाम है हर जगह । सब है आपके पास, खाने-पीने को है, कपडे-लत्ते हैं और क्या चाहिए? आप सिनेमा देखो, वो देखो इतना तो पैसा है । पर ये पैसे की बिमारी जो है, ये पहले जानी चाहिए । मुझे पूर्ण आशा है, कि मेरी आज की बात को आप ध्यान से सुनेंगे। और आज से कसम खा लें, कि हम तो बेईमानी करेंगे ही नहीं लेकिन जो दूसरे भी करते हैं उसका हम विरोध करेंगे। यह सबसे बड़ी बात समझ लो, कि आज अपने देश को इमानदारी चाहिए । इससे बढ़कर और कोई चीज नहीं । आपकी माँ है ईमानदारी। दस शर्ट की जगह एक शर्ट है तो क्या हुआ ? ऐसे ही औरतों से कहो, हो जाएगा। बन जाएगा। आज का भाषण जरा अलग है, निराला है । और तुम लोगों को पसंद आया ये बड़ी कृपा है। सो धन्यवाद !